


समस्त उत्तर भारत औदीच्य ( ब्राह्मण ) धर्मशाला
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Pankaj Ramkumar Vyas Kaithal
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About My Vision
नमस्कार मैं पंकज राम कुमार व्यास, व्यास परिवार डॉट कॉम साइट के माध्यम से अपने सभी वरिष्ठ व्यास बंधुओं को चरण वंदन और सभी व्यास बंधुओं का अभिनंदन करता हूँ ,
मेरा इस साइट को बनाने का उद्देश्य और प्रयास मात्र सिर्फ इतना है कि मैं यह चाहता हूं जो हम यहां पर अलग अलग से बिखरे हुए हैं सबको एक ही छत के नीचे इकट्ठा कर पाऊं और उचित जानकारी मुहैया करवा पाऊं उसकी यह शुरुआत मात्र है And still there is long way to Go

Review
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Sumit Nagar
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महर्षि वेदव्यास
हिन्दू धर्म शास्त्रों के अनुसार महर्षि व्यास त्रिकालज्ञ थे। तथा उन्होंने दिव्य दृष्टि से देख कर जान लिया कि कलियुग में धर्म क्षीण हो जायेगा। धर्म के क्षीण होने के कारण मनुष्य नास्तिक, कर्तव्यहीन और अल्पायु हो जावेंगे। एक विशाल वेद का सांगोपांग अध्ययन उनके सामर्थ से बाहर हो जायेगा। इसीलिये महर्षि व्यास ने वेद का चार भागों में विभाजन कर दिया जिससे कि कम बुद्धि एवं कम स्मरणशक्ति रखने वाले भी वेदों का अध्ययन कर सकें। व्यास जी ने उनका नाम रखा – ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद और अथर्ववेद। वेदों का विभाजन करने के कारण ही व्यास जी वेद व्यास के नाम से विख्यात हुये।